ज्यादा मात्रा में बिस्कुट खाने से बच्चों की सेहत पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
सेहतराग टीम
बच्चों का खान पान और रहन-सहन वयस्कों से ज्यादा केयर वाला होता है। क्योंकि बच्चों का शरीर अन्य लोगों से ज्यादा कोमल और नाजुक होता है। ऐसी स्थिति में बच्चों के खाने पीने का भी ध्यान ज्यादा देना पड़ता है। सुबह उठते ही बच्चों को कुछ ना कुछ खाने को चाहिए होता है। ऐसी स्थिति में अधिकतर लोग बच्चों को चाय या दूध देते हैं वहीं साथ में खाने के लिए बिस्कुट दे देते हैं, लेकिन शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि बिस्कुट का ज्यादा उपयोग बच्चो के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। जी हां ये बात बिल्कुल सही है एक्सपर्ट कि माने तो चाय के साथ बिस्कुट खाने से आपका वजन बढ़ सकता है तो बच्चों के लिए भी बिस्कुट का सेवन सुरक्षित नहीं है। हालांकि वजन बढ़ना व न बढ़ना इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के बिस्कुट खाते हैं या बच्चा सारे दिन में कितनी मात्रा और किस प्रकार के बिस्कुट की लेता है।
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बिस्कुट के अधिक सेवन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है और शरीर में खनिज लवण का संतुलन बिगड़ जाता है। वहीं इनके ज्यादा सेवन से बच्चों को भी कई प्रकार के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं क्योंकि बड़ों के मुकाबले बच्चों का पाचन तंत्र व पूरा शरीर बहुत नाज़ुक होता है। आइए इस विषय में जानते हैं विस्तार से कि वे कौन-सी वजह हैं जो बिस्कुट को अनहेल्दी बनाती हैं।
न्यूट्रिएंट्स का अभाव
जैसा कि हम जानते हैं कि बिस्कुट मैदे से बने होते हैं और मैदे में एक भी पोषक तत्त्व नहीं होता है , बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। जबकि बच्चो के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए पोषण तत्त्व अत्यन्त आवश्यक हैं। उसमें अधिकतर मैदा, अनहेल्दी फैट्स, सोडियम, पोटैशियम आदि हानिकारक सिंथेटिक पदार्थ होते हैं। इसके अलावा अन्य उत्पाद जैसे कि टॉफी, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, केक आदि जो बच्चों को ही नहीं बड़ों को भी बहुत पसंद होते हैं, उनको खाना भु स्वास्थ्यवर्धक नहीं हैं।
मोटापे का खतरा
बिस्कुट में बहुत अधिक कैलोरीज़ होती हैं जो आपके या बच्चों के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध हो सकती हैं। इससे वजन भी बढ़ सकता है। वैसे भी आजकल बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ती जा रही है। ये वजन बढ़ाने के साथ साथ आपको कई तरह की बीमारियां भी दे सकते हैं। यही नहीं इन के अधिक सेवन से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है। जिसकी वजह से ब्लड शुगर का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा मीठे बिस्कुट का सेवन दातों पर और त्वचा पर बुरा प्रभाव डालता है। आप बिस्कुट की जगह सुबह फल खायें और बच्चे को भी खिलायें।
दृष्टि में समस्या
बिस्कुट में ट्रांस फैट का प्रयोग किया जाता है। ट्रांस फैट आपके अच्छे व बुरे कोलेस्ट्रॉल को अनियमित करता है तो बच्चों की आंखों की दृष्टि व उनके विकास को बहुत कमजोर बना देता है। दृष्टि के साथ साथ बच्चो में एलर्जी, डायबिटीज व मोटापे की भी शिकायत हो सकती है।हालांकि कुछ ब्रांड के बिस्कुट यह दावा करते हैं कि उनमें किसी भी तरह का ट्रांस फैट नहीं होता। लेकिन फिर भी उनमें थोड़ी बहुत फैट की मात्रा अवश्य मिली होती है। इसलिए आप खुद भी और बच्चो को भी कभी कभार ही बिस्कुट या बाहर की चीजें खाने को दें।
पचाने में समस्या
मैदा बिस्कुट्स को बनाने के लिए मुख्य सामग्री है। मैदे में कोई भी न्यूट्रिएंट मौजूद नहीं होता है। इसलिए न केवल बच्चो को बल्कि बड़ों को भी बिस्कुट्स पचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चों का डाइजेस्टिव सिस्टम तो बड़ों के मुकाबले बहुत कोमल व नाज़ुक होता है। इसलिए उन्हें तो बड़ों के मुकाबले और अधिक जल्दी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अतः अपने बच्चों को जितना हो सके उतने कम बिस्कुट खाने को दें। इनके अधिक सेवन से आपकी या बच्चे की भूख खत्म हो सकती है। तभी तो इनको एम्पटी कैलोरी फूड भी कहा जाता है।
कैंसर का खतरा
बिस्कुट को लंबे समय तक प्रयोग करने के लिए उन्हें बनाते समय उनमें कई तरह के फैट व प्रिजर्वेटिव और कलर मिलाये जाते हैं। जिनसे कैंसर होने का खतरा रहता है। कोशिश करें कि आप और बच्चे कम से कम इस प्रकार के खातों का सेवन करें क्योंकि इनमें टेस्ट बढ़ाने के लिए कुछ ज्यादा मात्रा में केमिकल युक्त फ्लेवर एड किए जाते हैं। जो कि सभी के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत नुकसान दायक है। इनसे ब्रेन डैमेज या ट्यूमर होने का खतरा भी रहता है।
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